आजकल के
असंयमित खान-पान के चलते हमारे शरीर में चर्बी की मात्र अधिक हो जाता है।
जिससे हमारा शरीर बेडोल और मोटा दिखाई देने लगता है। शारीरिक सुंदरता बनाए
रखने के लिए हमें नियमित रूप से योगासन का सहारा लेना चाहिए। कमर की चर्बी
दूर करने के लिए वक्रासन श्रेष्ठ आसन है।
वक्रासन बैठकर
करने वाले आसनों के अंतर्गत आता है। वक्र संस्कृत का शब्द है, वक्र का अर्थ
होता है टेढ़ा, लेकिन इस आसन के करने से मेरुदंड सीधा होता है। जबकि शरीर पूरा टेढ़ा हो जाता है।

किसी साफ और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। कमर गर्दन सीधी और निगाह सामने रखें अब दायें पैर को मोड़कर बायीं जंघा के पास घुटने से सटाकर रखें, बायां पैर सीधा रहे। बाएं हाथ को दाएं पैर एवं पेट को बीच से लाकर (क्रास करते हुए) दाएं पैर के पंजे के पास टिकाएं। दाएं हाथ को कमर के पीछे भूमि पर सीधा रखें। गर्दन को घुमाकर दायीं और मोड़कर देखें जिंतना पीछे देख पायें , बाएं पैर, कमर और दाएं हाथ सीधे रहेंगे। इस 4 से 6 बार कर सकते हैं। इसी प्रकार दूसरी ओर से करना चाहिए।
वक्रासन के लाभ
इस आसन से कमर की चर्बी कम होती है और आपकी कमर सुंदर बनती है। यकृत और तिल्ली के लिए लाभदायक है। इसके नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटे-छोटे रोग भी आपसे दूर रहेंगे। दमा(अस्थम), गुप्त रोग स्त्री एवं पुरुषो के, मधुमेह रोग, वायु सम्बन्धी रोग, कब्ज रोग, शारीर हमेशा तरुण एवं जवान बना रहेगा कमर दर्द आदि में अति लाभकारी है।
इस आसन से कमर की चर्बी कम होती है और आपकी कमर सुंदर बनती है। यकृत और तिल्ली के लिए लाभदायक है। इसके नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटे-छोटे रोग भी आपसे दूर रहेंगे। दमा(अस्थम), गुप्त रोग स्त्री एवं पुरुषो के, मधुमेह रोग, वायु सम्बन्धी रोग, कब्ज रोग, शारीर हमेशा तरुण एवं जवान बना रहेगा कमर दर्द आदि में अति लाभकारी है।
सावधानिया
गर्दन में दर्द हो या तिव्र ह्रदय रोग की अवस्था में नहीं करेंगे, किसी योग्य चिकित्सक या योग के जानकार की देख रेख में ही करे।